परीक्षा से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब
1. परीक्षा कक्ष में जाने से पहले ही घबराहट रहती है। क्या करूं?
: परीक्षा से पहले यानी मंगलवार रात्रि को अधिक समय तक नहीं जागें। नींद पर्याप्त मात्रा में लें। अपने आप पर पूरा विश्वास रखें कि आपने जो पढ़ा है, वह काफी अच्छा है। हमेशा विश्वास रखें कि आप औरों से बेहतर कर सकते हैं।
2. परीक्षा में कितने प्रतिशत तक प्रश्न हल करने चाहिए?
: प्रश्न-पत्र को पढ़ने पर यह मालूम चल जाता है कि प्रश्न किस स्तर का आया है। यदि सवाल आप पूरे विश्वास से सही-सही हल करते जा रहे हैं तो हल करते रहना चाहिए। अधिकतर परीक्षाओं की कट-ऑफ 60-70 प्रतिशत के बीच रहती है। अत: इतने प्रश्न सही हल हो जाने पर नेगेटिव मार्किग से बचना चाहिए। इससे अधिक रिस्क लेने की जरूरत नहीं है। सामान्य ज्ञान के प्रश्न-पत्र में 65-70 प्रश्न और संबंधित विषय में 100-110 प्रश्न यदि पूर्ण सही है तो आगे रिस्क उठाने की आवश्यकता नहीं है।
3. किस प्रकार के प्रश्नों को हल नहीं करना चाहिए?
: ऐसे प्रश्न जो तैयारी करते समय आपके सामने कभी नहीं आए, उन्हें हल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आपने अपने अनुसार अच्छी तैयारी की है, फिर भी वह प्रश्न आपके सामने नहीं आया तो अन्य अभ्यर्थियों ने भी उसे नहीं पढ़ा होगा। यह सोचकर उसे हल नहीं करना चाहिए।
4. कुछ प्रश्नों में दो विकल्प तो बिल्कुल गलत प्रतीत होते हैं, लेकिन दो विकल्पों में संदेह होने की स्थिति में क्या करें?
: यदि आप पहले राउंड में बिना किसी रिस्क के 60-70 प्रतिशत प्रश्न सही कर चुके हैं तो फिर ऐसे प्रश्नों में भी रिस्क लेने की आवश्यकता नहीं है। मगर पहले राउंड में आप 50-55 प्रतिशत तक ही पहुंच रहे हैं तो फिर थोड़ा सोच-विचार करके ऐसे प्रश्नों को हल करने का प्रयास करना चाहिए। याद रखें, केबीसी में पांच करोड़ विजेता बिहार के सुशील कुमार ने भी अंतिम प्रश्न में डबल डीप लाइफ लाइन का प्रयोग करके ही पांच करोड़ रुपए हासिल किए थे।
5. कुछ सवाल डाउटफुल होते हैं, जिनके चार ऑप्शन गलत होते हैं, क्या करूं?
: ऐसे प्रश्नों को जवाब नहीं देना ही बेहतर होता है। आयोग ऐसे प्रश्नों को फैसला बाद में करता है। कभी बोनस अंक भी मिल जाते हैं।
6. परीक्षा पर और क्या महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखनी चाहिए?
: प्रवेश पत्र जरूर लेकर जाए। ओएमआर शीट भरने में नीला बॉल पेल का ही इस्तेमाल करें। याद रखें कि प्रश्न-पत्र व ओएमआर शीट का लिफाफा सील पैक है या नहीं। अगर नहीं है तो उसे लौटा दें। यह आपको पांच मिनट पहले मिलेगा। उत्तर पुस्तिका व ओएमआर सीट का क्रमांक एक ही हो, जरूर देख लें। अलग-अलग भरने पर आपका परिणाम रुक सकता है। वहीं परीक्षा के बाद प्रश्न-पत्र आप साथ ले जा सकेंगे।
कुछ खास बातें
>धैर्यपूर्वक आत्मविश्वास से प्रश्न-पत्र हल करें। तनावमुक्त रहें।
>परीक्षा कक्ष में बैठे अन्य अभ्यर्थी को देखकर कहीं नेगेटिव मार्किग नहीं कर बैठें, क्योंकि कई बार अपने आसपास बैठे अभ्यर्थी जोखिम उठाकर पूरी ओएमआर शीट भर देते हैं। उनको देखकर हमारे मन में भी रिस्क लेने की भावना उत्पन्न होती है। परंतु कभी भी पांच-सात प्रश्नों से अधिक रिस्क नहीं लेनी चाहिए।
>शुरुआती पांच-सात प्रश्न यदि कठिन प्रतीत हो रहे हो तो अंत से प्रश्न हल करना शुरू कर दें। अंत में कठिनता हो तो पांच-सात मिनट अच्छी तरह सोचकर बीच में से (प्रश्न सं. 51 से) धैर्यपूर्वक प्रश्न हल करना शुरू करें।
>छह दिसंबर को केवल दोहराव में समय दें। शिक्षा मनोविज्ञान व सम-सामयिकी घटनाओं को एक बार फिर से अवश्य देख लें।
>संबंधित विषय की परीक्षा से पहले दिन महत्वपूर्ण तथ्यों का रिवीजन करें। शिक्षण विधियों को एक बार फिर से अवश्य देखें।
(दैनिक भास्कर ने अभ्यर्थियों से बातचीत कर उनके दिल में उमड़ रहे कुछ सवालों को टटोला। यह सवाल लेकर हम एक्सपर्ट्स के पास गए। उनसे जाना कि वे अपनी जिज्ञासाओं को कैसे शांत कर सकते हैं।)
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1. परीक्षा कक्ष में जाने से पहले ही घबराहट रहती है। क्या करूं?
: परीक्षा से पहले यानी मंगलवार रात्रि को अधिक समय तक नहीं जागें। नींद पर्याप्त मात्रा में लें। अपने आप पर पूरा विश्वास रखें कि आपने जो पढ़ा है, वह काफी अच्छा है। हमेशा विश्वास रखें कि आप औरों से बेहतर कर सकते हैं।
2. परीक्षा में कितने प्रतिशत तक प्रश्न हल करने चाहिए?
: प्रश्न-पत्र को पढ़ने पर यह मालूम चल जाता है कि प्रश्न किस स्तर का आया है। यदि सवाल आप पूरे विश्वास से सही-सही हल करते जा रहे हैं तो हल करते रहना चाहिए। अधिकतर परीक्षाओं की कट-ऑफ 60-70 प्रतिशत के बीच रहती है। अत: इतने प्रश्न सही हल हो जाने पर नेगेटिव मार्किग से बचना चाहिए। इससे अधिक रिस्क लेने की जरूरत नहीं है। सामान्य ज्ञान के प्रश्न-पत्र में 65-70 प्रश्न और संबंधित विषय में 100-110 प्रश्न यदि पूर्ण सही है तो आगे रिस्क उठाने की आवश्यकता नहीं है।
3. किस प्रकार के प्रश्नों को हल नहीं करना चाहिए?
: ऐसे प्रश्न जो तैयारी करते समय आपके सामने कभी नहीं आए, उन्हें हल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आपने अपने अनुसार अच्छी तैयारी की है, फिर भी वह प्रश्न आपके सामने नहीं आया तो अन्य अभ्यर्थियों ने भी उसे नहीं पढ़ा होगा। यह सोचकर उसे हल नहीं करना चाहिए।
4. कुछ प्रश्नों में दो विकल्प तो बिल्कुल गलत प्रतीत होते हैं, लेकिन दो विकल्पों में संदेह होने की स्थिति में क्या करें?
: यदि आप पहले राउंड में बिना किसी रिस्क के 60-70 प्रतिशत प्रश्न सही कर चुके हैं तो फिर ऐसे प्रश्नों में भी रिस्क लेने की आवश्यकता नहीं है। मगर पहले राउंड में आप 50-55 प्रतिशत तक ही पहुंच रहे हैं तो फिर थोड़ा सोच-विचार करके ऐसे प्रश्नों को हल करने का प्रयास करना चाहिए। याद रखें, केबीसी में पांच करोड़ विजेता बिहार के सुशील कुमार ने भी अंतिम प्रश्न में डबल डीप लाइफ लाइन का प्रयोग करके ही पांच करोड़ रुपए हासिल किए थे।
5. कुछ सवाल डाउटफुल होते हैं, जिनके चार ऑप्शन गलत होते हैं, क्या करूं?
: ऐसे प्रश्नों को जवाब नहीं देना ही बेहतर होता है। आयोग ऐसे प्रश्नों को फैसला बाद में करता है। कभी बोनस अंक भी मिल जाते हैं।
6. परीक्षा पर और क्या महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखनी चाहिए?
: प्रवेश पत्र जरूर लेकर जाए। ओएमआर शीट भरने में नीला बॉल पेल का ही इस्तेमाल करें। याद रखें कि प्रश्न-पत्र व ओएमआर शीट का लिफाफा सील पैक है या नहीं। अगर नहीं है तो उसे लौटा दें। यह आपको पांच मिनट पहले मिलेगा। उत्तर पुस्तिका व ओएमआर सीट का क्रमांक एक ही हो, जरूर देख लें। अलग-अलग भरने पर आपका परिणाम रुक सकता है। वहीं परीक्षा के बाद प्रश्न-पत्र आप साथ ले जा सकेंगे।
कुछ खास बातें
>धैर्यपूर्वक आत्मविश्वास से प्रश्न-पत्र हल करें। तनावमुक्त रहें।
>परीक्षा कक्ष में बैठे अन्य अभ्यर्थी को देखकर कहीं नेगेटिव मार्किग नहीं कर बैठें, क्योंकि कई बार अपने आसपास बैठे अभ्यर्थी जोखिम उठाकर पूरी ओएमआर शीट भर देते हैं। उनको देखकर हमारे मन में भी रिस्क लेने की भावना उत्पन्न होती है। परंतु कभी भी पांच-सात प्रश्नों से अधिक रिस्क नहीं लेनी चाहिए।
>शुरुआती पांच-सात प्रश्न यदि कठिन प्रतीत हो रहे हो तो अंत से प्रश्न हल करना शुरू कर दें। अंत में कठिनता हो तो पांच-सात मिनट अच्छी तरह सोचकर बीच में से (प्रश्न सं. 51 से) धैर्यपूर्वक प्रश्न हल करना शुरू करें।
>छह दिसंबर को केवल दोहराव में समय दें। शिक्षा मनोविज्ञान व सम-सामयिकी घटनाओं को एक बार फिर से अवश्य देख लें।
>संबंधित विषय की परीक्षा से पहले दिन महत्वपूर्ण तथ्यों का रिवीजन करें। शिक्षण विधियों को एक बार फिर से अवश्य देखें।
(दैनिक भास्कर ने अभ्यर्थियों से बातचीत कर उनके दिल में उमड़ रहे कुछ सवालों को टटोला। यह सवाल लेकर हम एक्सपर्ट्स के पास गए। उनसे जाना कि वे अपनी जिज्ञासाओं को कैसे शांत कर सकते हैं।)
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